
अक्कलकोट स्वामी समर्थ स्तोत्र
अक्कलकोट स्वामी समर्थ स्तोत्र ॐ श्री अक्कलकोटस्वामी समर्थास नम: | ॐ नमो श्रीगजवदना | गणराया गौरीनंदना | विघ्नेशा भवभयहरणा | नमन माझे साष्टागी ||
अक्कलकोट स्वामी समर्थ स्तोत्र ॐ श्री अक्कलकोटस्वामी समर्थास नम: | ॐ नमो श्रीगजवदना | गणराया गौरीनंदना | विघ्नेशा भवभयहरणा | नमन माझे साष्टागी ||
श्री कार्तिकेय स्तोत्रम् ॥ स्कंद उवाच ॥ योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥१॥ गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥२॥ शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।सनत्कुमारो भगवान्
श्री नृसिंह कवचम् (प्रह्लाद कृतम्) नृसिंहकवचं वक्ष्ये प्रह्लादेनोदितं पुरा । सर्वरक्षाकरं पुण्यं सर्वोपद्रवनाशनम् ॥ १ ॥ सर्वसम्पत्करं चैव स्वर्गमोक्षप्रदायकम् । ध्यात्वा नृसिंहं देवेशं हेमसिंहासनस्थितम्
रावणकृत शिवताण्डवस्तोत्र जटाटवी-गलज्जल-प्रवाह-पावित-स्थले गलेऽव-लम्ब्य-लम्बितां-भुजङ्ग-तुङ्ग-मालिकाम्डमड्डमड्डमड्डम-न्निनादव-ड्डमर्वयंचकार-चण्ड्ताण्डवं-तनोतु-नः शिवः शिवम् .. १.. जटा-कटा-हसं-भ्रम भ्रमन्नि-लिम्प-निर्झरी–विलोलवी-चिवल्लरी-विराजमान-मूर्धनि .धगद्धगद्धग-ज्ज्वल-ल्ललाट-पट्ट-पावकेकिशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम .. २.. धरा-धरेन्द्र-नंदिनी विलास-बन्धु-बन्धुरस्फुर-द्दिगन्त-सन्तति प्रमोद-मान-मानसे .कृपा-कटाक्ष-धोरणी-निरुद्ध-दुर्धरापदिक्वचि-द्दिगम्बरे-मनो विनोदमेतु वस्तुनि .. ३..
श्रीविष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रम ॐ श्री परमात्मने नमः ।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । अथ श्रीविष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रमयस्य स्मरणमात्रेन जन्मसंसारबन्धनात् ।विमुच्यते नमस्तमै विष्णवे प्रभविष्णवे ॥ नमः समस्तभूतानां आदिभूताय
गणपती अथर्वशीर्ष श्री गणेशाय नम:’ॐ भद्रं कर्णेभि शृणुयाम देवा:।भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्रा:।।स्थिरै रंगै स्तुष्टुवां सहस्तनुभि::।व्यशेम देवहितं यदायु:।1।ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:।स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा:।स्वस्ति न स्तार्क्ष्र्यो
रामरक्षा स्तोत्र मराठी अर्थासहित बुध कौशिक ऋषी वाल्मिकी यांनी रामरक्षा स्तोत्र लिहिले. तथापि पौराणिक मान्यतेनुसार, असे मानले जाते की भगवान शिव वाल्मिकी ऋषींच्या स्वप्नात
श्री मनाचे श्लोक संपूर्ण गणाधीश जो ईश सर्वां गुणांचा। मुळारंभ आरंभ तो निर्गुणाचा॥ नमूं शारदा मूळ चत्वार वाचा। गमूं पंथ आनंत या राघवाचा॥१॥ मना
गणपती स्तोत्र ( सङ्कष्टनाशन-गणेशस्तोत्र ) श्रीगणेशाय नमः । नारद उवाच । प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् ।भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुःकामार्थसिद्धये ॥ १॥ प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं
श्री दत्तमाला मंत्र ॐ नमो भगवते दत्तात्रेयाय, स्मरणमात्रसंतुष्टाय,महाभयनिवारणाय, महाज्ञानप्रदाय, चिदानंदत्मने,बालोन्मत्तपिशच्ववेशाय, महायोगिने अवधूताय,अनसूयाSSनंदवर्धनाय, अत्रिपुत्राय,ॐ भवबंधविमोचनाय,‘आं’ असाध्यसाधनाय, ‘र्हीं’ सर्वविभूतिदाय,‘क्रौं’ असाध्याकर्षणाय, ‘ऐं’ वाक्प्रदाय,‘क्लिं’ जगत्त्रयवशीकरणाय,‘सौ:’ सर्वमनःक्षोभणाय, ‘श्रीं’ महासंपत्प्रदाय,‘ग्लौं’ भूमण्डलाधिपत्यप्रदाय,